करें गुरु दर्शन: गुरु साक्षात परब्रम्ह...

 गुरुपूर्णिमा, गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरा !

शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक इन चारों संबंधों में आखिरी आत्मिक संबंध ही गुरु-शिष्य स्तर पर टिकता है.

 
 
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